नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में भारतीय स्टार्टअप और छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) में भर्ती करने वालों में से 96.5 प्रतिशत का मानना है कि एआई का उपयोग भर्ती प्रक्रिया में सुधार और भर्ती प्रक्रिया से पूर्वाग्रह को खत्म करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। मंगलवार को एक रिपोर्ट में दिखाया गया है।चैट-आधारित डायरेक्ट हायरिंग प्लेटफॉर्म हायरेक्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 50 प्रतिशत रिक्रूटर्स का मानना है कि आने वाले वर्षो में एआई उनकी हायरिंग प्रक्रिया का एक नियमित हिस्सा बन जाएगा।
जबकि 52 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में भारी असमानता को दूर करने के लिए विविध कार्यबल का निर्माण आवश्यक है, उनमें से 97.4 प्रतिशत का मानना है कि कौशल आधारित भर्ती भविष्य है।
लगभग 87 प्रतिशत भर्तीकर्ता नए कर्मचारियों को काम पर रखने के बजाय पुराने कर्मचारियों को बनाए रखने के पक्ष में हैं।
हायरेक्ट इंडिया के ग्लोबल को-फाउंडर और सीईओ राज दास ने कहा, कर्मचारी संचालित बाजार में, नियोक्ताओं को आज के श्रम बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए प्रतिभा अधिग्रहण की वर्तमान वास्तविकता के अनुकूल होना चाहिए।
उन्होंने उल्लेख किया, इसमें एक कार्यस्थल बनाना शामिल है जो नौकरी चाहने वालों की जरूरतों के साथ संरेखित करता है, साथ ही अपने संगठनों/स्टार्टअप को प्रभावी ढंग से विकसित करने के लिए सही प्रणाली, उपकरण और चैनलों का लाभ उठाता है।
स्टार्टअप्स में हायरिंग प्रक्रिया भी रेफरल पर निर्भर करती है और इसीलिए स्टार्टअप रेफरल नीतियां बनाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 88.2 प्रतिशत नियोक्ताओं का मानना है कि रेफरल सही प्रतिभा वाले लोगों को काम पर रखने का सबसे अच्छा तरीका है।
--आईएएनएस
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