नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में एबीसी - यानि एनीथिंग बट चाइना - को व्यापक समर्थन मिल रहा है। भारत तेजी से अमेरिकी व्यापार के लिए पहली पसंद का देश बनता जा रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जहां तक अमेरिकी कारोबार का सवाल है तो भारत पहली पसंद है। उन्होंने आईएएनएस से कहा, भारत, अमेरिका के लिए विशेष स्थान रखता है। वास्तव में पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है -- कृषि सामान, सेवाएं -- वे हमारे साथ अधिक से अधिक जुड़ना चाहते हैं। कारण स्पष्ट हैं - राजनीतिक स्थिरता, तकनीक और डिजाइन में उभरती शक्ति और विशाल उपभोक्ता बाजार। वे इसे एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं। एक मल्टीनेशनल कंपनी भारत में उद्योग स्थापित करना चाहती है जिसमें 200,000 से अधिक लोगों को काम पर रखा जाएगा। फोकस सेमी कंडक्टर, अत्याधुनिक आर एंड डी और डिजाइन की ताकत पर है।
भारत को लेकर इतनी उम्मीद क्यों है? जाहिर है, भारत की बढ़ती जीडीपी, जो सभी को अपनी ओर खींच रही है। गोयल ने तर्क दिया कि विश्व व्यापार संगठन के दौर में भारत के कोविड प्रबंधन, वैक्सीन दक्षता को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
मैं कई देशों के मंत्रियों से मिला और उन्होंने भारत के पूरे इकोसिस्टम की प्रशंसा की, जिसे भारत ने कोविड के दौरान बनाया। इसके अलावा, भारत ने इस कठिन समय में किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को नहीं छोड़ा। यहां तक कि हमारी डब्ल्यूएफएच ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और इसकी बढ़ी हुई ताकत की भी सराहना की गई। कभी-कभी, मुझे नहीं लगता कि हम भारतीयों को अपनी असीम क्षमता का एहसास है। इस पर विदेशी कब्जा कर रहे हैं। हां, भारत में लागत कम है, लेकिन वे भारत को उस स्तर पर देख रहे हैं जिसे हम समझने में असमर्थ हैं। यह प्रधानमंत्री के विकसित भारत के विजन के अनुरूप है।
गोयल ने यह भी कहा कि भारतीय श्रम की अब सबसे अधिक मांग है। उन्होंने कपड़ा राजधानी तिरुपुर की हालिया यात्रा का जिक्र किया जिसके बारे में उन्होंने बताया कि कैसे तिरुपुर अगला बांग्लादेश बन सकता है।
उन्होंने कहा, हम टेक्सटाइल इंडस्ट्री में बांग्लादेश बन सकते हैं, मैंने उन्हें बताया और सोचिए उनकी प्रतिक्रिया क्या थी - हमें 50,000 से 100000 लोग भेज दीजिए और फिर देखिए कैसे उनका ऑपरेशन बढ़ता है।
विदेशी निवेशक चाहते हैं कि व्यापार करने में आसानी हो, लेकिन समान रूप से हमें अपने स्किल और तकनीक को तेज गति से अपनाना होगा, गोयल ने कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में फॉक्सकॉन / वेदांता सौदे से पता चलता है कि राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना और इस तरह के सभी निवेशों की आधारशिला के लिए संघीय भावना का डबल इंजन होना चाहिए - सहयोग और प्रतिस्पर्धा।
उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों के अनुकरणीय कार्य करने से अमेरिका में भारतीय उद्यमिता फली-फूली है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में उन्होंने भारतीय अमेरिकी समुदाय से विस्तार से बात की और उनसे कहा, भारत के पास लोगों की एक बड़ी फौज है। हमारे युवा, सबसे बड़ा अवसर हैं और उनमें से सभी इंटरनेट के जरिए दुनिया से जुड़े हैं। हम भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं। ऐसे में यह हमारे लिए सोचने का एक महत्वपूर्ण समय है कि हम अगले 25 वर्षों में भारत को कहां देखते हैं। अमृत काल के अगले 25 साल, जैसा कि पीएम मोदी ने कहा, भारत की विकास यात्रा को परिभाषित करेगा। हमारा लक्ष्य निकट भविष्य में 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था बनना है।
--आईएएनएस
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