चेन्नई, 19 जनवरी (आईएएनएस)। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि संयुक्त अरब अमीरात से आगे अमेरिका सोने के आभूषणों के लिए भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार बन गया है।डब्ल्यूजीसी के अनुसार, यूएस को चीनी आभूषणों पर अतिरिक्त टैरिफ के कारण अमेरिका भारतीय सोने के आभूषणों के लिए सबसे बड़ा बाजार बन गया, जिसने भारतीय निर्यातकों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया।
दूसरे, यूएई द्वारा 2017 में 5 प्रतिशत आयात शुल्क और 2018 में 5 प्रतिशत मूल्य वर्धित कर (वैट) लागू करने से इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
डब्ल्यूजीसी ने कहा कि मई 2022 में पेश व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के तहत यूएई को भेजे जाने वाले 90 फीसदी भारतीय सामानों को शुल्क मुक्त पहुंच दी जाएगी। चूंकि संयुक्त अरब अमीरात में बेचे जाने वाले सामान को फिर से निर्यात किया जाता है, इससे भारत के सोने के आभूषणों के निर्यात में काफी वृद्धि हुई है और ऐसा करना जारी रहेगा।
डब्ल्यूजीसी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने की मांग के साथ, आभूषण निर्यात बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, विदेशों में कीमती धातु आपूर्तिकर्ताओं को अग्रिम भुगतान की अनुमति देने और मुंबई और सूरत में सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन (एसईईपीजेड) में मेगा कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) स्थापित करने के प्रस्ताव लागू होने पर क्षेत्र की वृद्धि को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
गोल्ड माइनिंग कंपनियों की लॉबी बॉडी के अनुसार, सीएफसी सर्वोत्तम अभ्यास को प्रोत्साहित करेगा, जबकि अत्याधुनिक मशीनरी छोटे निर्माताओं को प्रौद्योगिकी और संसाधनों तक पहुंच प्रदान करेगी। यदि इन प्रयासों को गुणवत्ता और शिल्प कौशल दोनों के आसपास विपणन संचार द्वारा समर्थित किया जाता है, तो भारत के गोल्ड ज्वैलरी मार्केट का भविष्य सुनिश्चित होगा।
डब्ल्यूजीसी ने कहा कि हालांकि भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है, लेकिन इस क्षेत्र को नियामक परिवर्तनों और उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव का सामना करना पड़ा है।
--आईएएनएस
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