चेन्नई, 31 जनवरी (आईएएनएस)। केयर रेटिंग्स के एक शीर्ष अर्थशास्त्री ने कहा कि सरकार को सुधारों पर तेजी से काम करना चाहिए, ताकि आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 द्वारा चित्रित आशावादी तस्वीर एक वास्तविकता बन सके।उन्होंने कहा कि वित्तवर्ष 2024 में मांग में कुछ कमी हो सकती है, जो चालू वित्तवर्ष में देखी गई है और अस्थिर भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बाहरी स्थिति पर सावधानी बरती जानी चाहिए।
आर्थिक सर्वेक्षण मंगलवार को संसद में पेश किया गया।
केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने आईएएनएस को बताया, कुल मिलाकर, सर्वेक्षण एक आशावादी तस्वीर पेश करता है, जो निश्चित रूप से वास्तविकता बन सकती है, अगर सरकार सुधार के कुछ उपायों पर तेजी से काम करती है और भू-राजनीतिक अवसर को हासिल करने के लिए कदम उठाती है।
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण ने वैश्विक मंदी के बीच भारत के आर्थिक लचीलेपन की फिर से पुष्टि की है।
रजनी ने कहा, बेसलाइन परिदृश्य में वित्तवर्ष 24 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, जो हमारी 6.1 प्रतिशत की अपेक्षा से अधिक है। हमें लगता है कि जब भारत स्वस्थ विकास गति बनाए रखेगा, तो वैश्विक विकास की धीमी गति को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है। इसके अलावा, हम चालू वित्तवर्ष की तुलना में देखी गई मांग में वित्तवर्ष 24 में कुछ कमी की भी उम्मीद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मध्यम अवधि में 7-8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की संभावित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के बारे में बात करने वाले सर्वेक्षण का उल्लेख करते हुए रजनी सिन्हा ने कहा कि यदि उत्पादकता में सुधार और व्यापार करने में आसानी में सुधार के लिए कुछ सुधारों की जरूरत है।
रजनी ने टिप्पणी की, इसके अलावा, समावेशी विकास पर ध्यान देने की जरूरत है, इसलिए मानव पूंजी में निवेश और असंगठित क्षेत्र और एमएसएमई खंड के लिए समर्थन महत्वपूर्ण हो जाता है।
उनके अनुसार, सर्वेक्षण में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इस वर्ष के दौरान देखे गए स्तरों से वित्तवर्ष 24 में समग्र मुद्रास्फीति के दबाव में कमी की उम्मीद की जा सकती है।
उन्होंने कहा, यह वित्तवर्ष 2023 में 6.5 फीसदी से वित्तवर्ष 24 में औसत सीपीआई मुद्रास्फीति के 5.1 फीसदी तक कम होने की हमारी उम्मीद के अनुरूप है।
रजनी ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में चिंताओं के बीच सर्वेक्षण में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि हमारे उच्च विदेशी मुद्रा भंडार और कम बाहरी ऋण को देखते हुए बाहरी स्थिति प्रबंधनीय है। निर्यात धीमा होने के साथ, हम वित्तवर्ष 24 में सीएडी के सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 2.2 प्रतिशत के उच्च रहने की उम्मीद करते हैं। लेकिन वित्तवर्ष 2023 में जीडीपी के अनुमानित 3.5 प्रतिशत से बहुत कम है। हमें लगता है कि अस्थिर और अनिश्चित वैश्विक माहौल को देखते हुए बाहरी क्षेत्र पर सतर्क रहने की जरूरत है।
कोटक महिंद्रा (NS:KTKM) एसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह के अनुसार, सर्वेक्षण सावधानीपूर्वक आशावादी पूवार्नुमान प्रस्तुत करता है।
--आईएएनएस
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