नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। चांदी पर सीमा शुल्क 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है ताकि इसे सोने पर शुल्क के बराबर लाया जा सके।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के अपने बजट भाषण में कहा: सोने और प्लेटिनम के डोर और बार पर सीमा शुल्क इस वित्त वर्ष की शुरूआत में बढ़ाए गए थे। अब मैं शुल्क अंतर को बढ़ाने के लिए वहां से बनी स्थिति पर शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव रखती हूं । मैं सोने और प्लेटिनम के साथ संरेखित करने के लिए चांदी के डोर, बार और वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव रखती हूं।
क्वांटम एएमसी के फंड मैनेजर- अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स गजल जैन ने कहा कि कीमती धातुओं के क्षेत्र में चांदी पर सीमा शुल्क 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है ताकि इसे सोने पर शुल्क के बराबर लाया जा सके। इसके बावजूद, घरेलू चांदी की कीमतों में केवल 1.5-2 प्रतिशत की तेजी देखी गई, जो धातु की कम घरेलू मांग को दर्शाता है।
घरेलू सोने की कीमतें ज्यादातर जनवरी के लिए करीब 2 फीसदी की छूट पर कारोबार कर रही थीं। यह आंशिक रूप से बजट 2023-24 में सोने पर सीमा शुल्क में कमी की बाजार प्रत्याशा के कारण था। जैन ने कहा- लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यथास्थिति बनाए रखते हुए 15 प्रतिशत जीएसटी के साथ शुल्क लगाया। राहत की प्रतिक्रिया के रूप में, कीमतों में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई क्योंकि छूट समाप्त हो गई। लेकिन जहां बाजार में प्रचलित अल्पकालिक मूल्य विकृतियों का ध्यान रखा गया है, वहीं लंबी अवधि के संरचनात्मक मुद्दे का समाधान नहीं हो पाया है।
एमपी अहमद, अध्यक्ष, मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने कहा कि, रत्न एवं आभूषण उद्योग हालांकि बजट में आयात शुल्क में कटौती नहीं करने से निराश है। चांदी के लिए शुल्क में वृद्धि से कीमती धातु की कीमत बढ़ने की उम्मीद है। भौतिक सोने को इलेक्ट्रॉनिक सोने की रसीदों में बदलने पर कोई पूंजीगत लाभ नहीं लगाने और इसके विपरीत सोने के मुद्रीकरण में मदद मिलेगी।
पीएन गाडगिल एंड संस के गार्गी के सह-संस्थापक आदित्य मोदक ने कहा कि सोने का आयात शुल्क वही बना हुआ है, जबकि उन्हें इसके 2.5 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है। दूसरी ओर चांदी पर आयात शुल्क में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे स्टलिर्ंग चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी से फैशन ज्वैलरी बाजार प्रभावित हुआ है।
मोदक ने कहा कि दूसरी ओर, अति धनाढ्य करदाताओं पर अधिभार में कमी से निवेश को सकारात्मक धारणा मिलेगी। साथ ही, आयकर सीमा में वृद्धि से मध्यम वर्ग की प्रयोज्य अधिशेष आय में वृद्धि होगी, जो पर्यटन, विवेकाधीन खर्च और विलासिता एफएमसीजी के लिए अच्छा होगा।
कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह ने कहा कि सोने की छड़ों से बनी वस्तुओं पर बुनियादी सीमा शुल्क और चांदी पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी से स्थानीय स्तर पर बने आभूषणों की कीमत में वृद्धि होगी और यह स्थानीय रिफाइनरियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
--आईएएनएस
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