नई दिल्ली - भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2022-23 के वित्तीय वर्ष के दौरान बैंकिंग विनियमन अधिनियम में उल्लिखित उचित ऋण प्रथाओं का पालन नहीं करने के लिए विभिन्न वित्तीय संस्थानों पर कुल 40.29 करोड़ रुपये ($1 = 83,11 रुपये) का जुर्माना लगाया है। मंत्री भागवत कराड ने आज लोकसभा को बताया कि ये दंड विभिन्न प्रकार के बैंकों और गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों में वितरित किए गए, जिसमें सहकारी बैंकों को जुर्माने का खामियाजा भुगतना पड़ा।
जुर्माने का अद्यतन विवरण इस प्रकार है: - सहकारी बैंकों पर 176 मामलों में 14.04 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। - निजी क्षेत्र के बैंकों पर कुल 12.17 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। - सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर 3.65 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। - विदेशी बैंकों पर 4.65 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। - लघु वित्त बैंकों पर 0.97 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को 0.42 करोड़ रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ा। - हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) को 0.10 करोड़ रुपये का जुर्माना देना पड़ा। - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को कुल 11 करोड़ रुपये का जुर्माना देना पड़ा।
गैर-अनुपालन मुद्दों का खुलासा करने वाले निरीक्षणों और पर्यवेक्षी आकलनों के बाद ये दंड लगाए गए थे। RBI की कार्रवाई कड़े विनियामक मानकों को बनाए रखने और बैंकिंग प्रणाली की अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए अनुपालन को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। उचित ऋण प्रथाओं पर RBI की प्रवर्तन नीति और वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड के निर्देशों के अनुसार, वित्तीय स्थिरता और अखंडता बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक के व्यापक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करते हुए, विदेशी बैंकों, लघु वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, HFC और NBFC तक भी प्रवर्तन कार्रवाइयां बढ़ा दी गई हैं।
ये कार्रवाइयां RBI की प्रवर्तन नीति का हिस्सा हैं, ताकि इसके वित्तीय पर्यवेक्षण जनादेश के तहत विभिन्न विधियों और दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। FY2022-23 में RBI द्वारा लागू किया गया जुर्माना इसके दायरे में आने वाले सभी प्रकार के वित्तीय संस्थानों में सख्त नियामक मानकों को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें सहकारी बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, विदेशी बैंक, लघु वित्त बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, HFC और NBFC शामिल हैं।
रॉयटर्स ने इस लेख में योगदान दिया।
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