iGrain India - नई दिल्ली । देश के 150 प्रमुख बांधों एवं जलाशयों में लगातार 17 वें सप्ताह पानी का स्तर घट गया और यह कुल भंडारण क्षमता के 50 प्रतिशत से नीचे आ गया।
लेकिन पश्चिमी क्षेत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र) में कुल भंडारण क्षमता के सापेक्ष जल स्तर पिछले सप्ताह के 65 प्रतिशत से बढ़कर 67 प्रतिशत पर पहुंच गया।
दूसरी ओर देश के उत्तरी एवं दक्षिणी भाग में जल स्तर की स्थिति लगातार चिंता का विषय बनी हुई है जहां कुल भंडारण क्षमता के मुकाबले पानी का स्तर घटकर क्रमश: 46.49 प्रतिशत एवं 34 प्रतिशत रह गया है। देश के मध्यवर्ती संभाग में पानी का स्तर गिरकर 60 प्रतिशत से नीचे आ गया है।
क्षेत्र के 11 राज्यों में पानी का भंडार सामान्य से कम बचा है। केन्द्रीय जल आयोग की साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार 150 प्रमुख जलाशयों में फिलहाल कुल 93.527 मिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी का भंडार मौजूद है जो इसकी कुल भंडारण क्षमता 178.784 बीसीएम का महज 52 प्रतिशत है।
पिछले साल की समान अवधि में इन जलाशयों में 83 प्रतिशत पानी का भंडार मौजूद था जबकि इसका 10 वर्षीय औसत भंडार 97 प्रतिशत रहा।
मौसम विभाग के अनुसार चालू वर्ष के आरंभ से देश के 74 प्रतिशत भाग में वर्षा कम, बहुत कम या बिल्कुल नहीं हुई।
जिन 11 प्रांतों में पानी का भंडार सामान्य स्तर से काफी नीचे है उसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, पंजाब आदि शामिल हैं। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से देश के पश्चिमोत्तर भाग में हाल के दिनों में बारिश हुई है और अब भी आसमान में बादल छाए हुए हैं जिससे वर्षा के आसार बने हुए हैं लेकिन इससे बांधों- जलाशयों में पानी का स्तर ज्यादा ऊपर उठने में संदेह है।
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र या ऊंचाई वाले इलाकों में पिछले दो तीन दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है और एक-दो दिन तक इसका सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
इधर मैदानी भागों में वर्षा के साथ-साथ कहीं-कहीं ओलावृष्टि की खबर भी सामने आ रही है जिससे रबी फसलों को नुकसान हो सकता है। ओलावृष्टि से फसलें खराब हो जाती हैं।