iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश के 32 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में अवस्थित 199 जिला एग्रोमेट यूनिट्स की सेवा को स्थगित रखने का फैसला किया है जिससे हजारों किसानों पर सीधा असर पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि इन इकाइयों के माध्यम से प्रखंड स्तर लाखों किसानों को मौसम से सम्बन्धित अत्यन्त महत्वपूर्ण, आवश्यक एवं उपयोगी विवरणों के साथ एडवायजरी प्रदान की जाती है। इससे किसानों को फसलों की क्षति घटाने तथा अपनी आमदनी बढ़ाने में सहायता मिलती है।
17 जनवरी को जारी एक आदेश में मौसम विभाग ने कहा था कि जिला एग्रोमेट इकाइयों की सेवा को चालू वित्त वर्ष (2023-24) से आगे जारी नहीं रखा जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि 31 मार्च 2024 के बाद में सभी इकाइयां बंद हो जाएंगी।
आदेश में इन इकाइयों से कहा गया था कि वे अपनी सेवा को बंद या स्थगित करने हेतु आवश्यक तैयारी आरंभ करें। एक साथ इन 199 जिला एग्रोमेट यूनिट को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय वित्त मंत्रालय की व्यय वित्त समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक एक साल पूर्व यानी फरवरी 2023 में आयोजित हुई थी जिसमें नीति आयोग के एक वरिष्ठ सलाहकार ने प्रत्येक जिला एग्रोमेट इकाई में स्टॉक की उपलब्धता की आवश्यकता के पुनर्मूल्यांकन करने का सुझाव दिया था।
एक अधिकारी ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को सुझाव दिया था कि उसे फील्ड यूनिट के बजाए केन्द्रीय कृत इकाइयों को क्रियाशील रखना चाहिए क्योंकि मौसम सम्बन्धी आंकड़ों का संग्रहण स्वचालित है। इसके आधार पर मौसम विभाग ने इन 199 इकाइयों को 31 मार्च 2024 के बाद बंद करने का निर्णय लिया है।
वैसे कृषि मंत्रालय के वैज्ञानिकों का मानना है कि जिला स्तरीय एग्रोमेट इकाइयां लाखों किसानों के लिए काफी मददगार साबित हुई हैं और वहां से सही समय पर मौसम की जानकारी प्राप्त करके किसान अपनी रणनीति बना रहे हैं।
इस सेवा के बंद होने का अल्पकालीन असर ज्यादा रहेगा। यदि 1 अप्रैल से इकाइयां बंद होती हैं तो आगामी मानसून एवं खरीफ सीजन के मौसम के बारे में किसानों को सूक्ष्म जानकारी सही समय पर नहीं मिल पाएगी और इससे खरीफ फसलों की बिजाई का निर्णय लेने में उसे कठिनाई हो सकती है।