iGrain India - सिडनी । मुस्लिम बहुत देशों में रमजान से पूर्व चना की मांग कमजोर पड़ने से ऑस्ट्रेलिया के उत्पादक एवं निर्यातक चिंतित हैं। पिछले एक माह के अंदर वहां चना के दाम में 10-20 डॉलर प्रति टन की गिरावट आ चुकी है।
शिपमेंट की गति तेज करने के लिए वहां कीमतों में कटौती की जा रही है। इधर भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी चना की नई फसल की कटाई-तैयारी जल्दी ही शुरू होने वाली है जिससे वहां स्वदेशी स्रोतों से आपूर्ति बढ़ जाएगी। पाकिस्तान ऑस्ट्रेलियाई चना का प्रमुख खरीदार माना जाता है।
ऑस्ट्रेलिया में शीर्ष ग्रेड के सीएच के पी 1 चना का पोर्ट डिलीवरी भाव घटकर 820 डॉलर प्रति टन तथा सीएचकेपीएम ग्रेड का दाम गिरकर 750-760 डॉलर प्रति टन पर आ गया है।
केन्द्रीय एजेंसी- अबारेस ने ऑस्ट्रेलिया में चालू सीजन के दौरान 5.28 लाख टन चना के घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया है। उद्योग- व्यापार समीक्षकों के अनुसार चना का जो पिछला बकाया स्टॉक मौजूद है उसमें से अधिकांश माल की क्वालिटी दोयम दर्जे की है।
वर्ष 2022-23 के सीजन में फसल की कटाई-तैयारी के समय ऑस्ट्रेलिया के कुछ भागों में बेमौसमी बारिश से चना की क्वालिटी प्रभावित हुई थी और तमाम प्रयासों के बावजूद अब तक उसका निर्यात नहीं हो सका है। यह चना सीएचकेपीएम श्रेणी का है और इसका दाम नीचे चल रहा है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई चना की निर्यात मांग काफी कमजोर है। ऑस्ट्रेलिया में चना का अधिकांश स्टॉक मध्यवर्ती क्वींसलैंड में मौजूद है जहां बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन होता है।
बांग्ला देश के आयातक जनवरी एवं फरवरी शिपमेंट के लिए चना की खरीद पहले ही कर चुके हैं और अब बहुत कम सक्रियता दिखा रहे हैं। उधर पाकिस्तान में अगले महीने से चना की नई घरेलू फसल आने वाली है इसलिए इसके आयातक भी सुस्त पड़ गए हैं।
भारत में यद्यपि चना की बिजाई कम क्षेत्रफल में हुई है मगर इसका उत्पादन संतोषजनक होने की उम्मीद है जिससे वह इसका थोड़ा-बहुत निर्यात करने की स्थिति में आ सकता है।
भारत फिलहाल विदेशों से पीली मटर के आयात पर ध्यान दे रहा है क्योंकि सरकार ने 31 मार्च 2024 तक के लिए इसके आयात को शुल्क मुक्त कर दिया है।
इसकी समय सीमा आगे बढ़ेगी या नहीं यह बताना अभी मुश्किल है। भारत में यूक्रेन, कनाडा एवं अफ्रीका से पीली मटर का आयात हो रहा है जो चना से सस्ता एक महत्वपूर्ण प्रोटीन स्रोत है।