iGrain India - मुम्बई । सहकारी चीनी मिलों की शीर्ष संस्था- नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज के अध्यक्ष का कहना है कि चीनी के घरेलू उत्पादन से धीरे-धीरे सुधार आने के संकेत मिल रहे हैं।
चालू मार्केटिंग सीजन के शुरूआती चार महीनों में यानी अक्टूबर 2023 से जनवरी 2024 के दौरान देश भर में 517 मिलों में 1928 लाख टन गन्ना की क्रशिंग हुई और 9.71 प्रतिशत की औसत रिकवरी दर के साथ कुल 187 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। इस बार अब तक कर्नाटक की पांच तथा गुजरात की एक इकाई में गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान महाराष्ट्र में 676 लाख टन गन्ना की क्रशिंग से 65 लाख टन चीनी का निर्माण हुआ। पहले वहां फरवरी के अंत तक क्रशिंग कार्य समाप्त होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी लेकिन अब मध्य अप्रैल तक इसके जारी रहने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश में 574 लाख टन गन्ना की क्रशिंग से 57.65 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ और वहां गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर 10.5 प्रतिशत रही। उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन का सीजन मध्य मई तक जारी रहने की संभावना है।
कर्नाटक में 377 लाख टन गन्ना की क्रशिंग से 37 लाख टन चीनी का निर्माण हुआ और वहां गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर 9.75 प्रतिशत रही।
गन्ना की क्रशिंग, औसत रिकवरी दर तथा अन्य प्रांतों में उत्पादन की स्थिति को देखते हुए 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर चीनी का कुल उत्पादन करीब 314 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है।
2022-23 सीजन के दौरान देश में 331 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जबकि 2023-24 के वर्तमान सीजन में यह 17 लाख टन घटने की संभावना है।
हाल के महीनों में हुई अच्छी वर्षा से गन्ना की फसल को फायदा हुआ है और सरकार ने एथनॉल के निर्माण में केवल 17 लाख टन चीनी के उपयोग की अनुमति दी है। इसके फलस्वरूप चीनी का कुल उत्पादन पूर्व निर्धारित अनुमान से बेहतर होने के आसार हैं।