iGrain India - लुधियाना । पश्चिम एशिया के देशों को शिपमेंट के लिए बुकिंग किए गए बासमती चावल के अनेक कंटेनरों को रोक दिया गया है। लुधियाना के कस्टम आयुक्त कार्यालय से जारी एक विवादास्पद आदेश के बाद कंटेनरों को रोका गया है।
निर्यातकों की शिकायत है कि 25 जनवरी को जान बूझकर ऐसा आदेश जारी किया गया क्योंकि उसके बाद लगातार तीन दिन की छुट्टी थी। बाद में 31 जनवरी को आयुक्त द्वारा हस्तांतरित एवं सार्वजनिक सूचना में कहा गया कि इस मामले में नई दिल्ली स्थित सीबीआई सी से स्पष्टीकरण जानने का फैसला किया गया है और जब तक वहां से स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता तब तक 25 जनवरी 2024 की सार्वजनिक सूचना को स्थगित रखा जा सकता है।
दरअसल सीमा शुल्क आयुक्त को सेला बासमती चावल पर निर्यात शुल्क की वसूली के सम्बन्ध में जारी नोटिस पर अनेक पत्र एवं ज्ञापन मिले थे। अब कहा गया है कि लुधियाना स्थित इनलैंड कंटेनर डिपो (पोर्ट) के अधिकारियों को व्यापार सुविधा बहाल करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं और सभी सम्बद्ध पक्षों से कहा गया है कि यदि उन्हें कोई समस्या या कठिनाई हो तो तुरंत कस्टम विभाग को इसकी सूचना दें।
लुधियाना स्थित इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) में गंभीर विवाद उत्पन्न होने के बाद एपीडा को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। इस डिपो पर बासमती चावल के 30-40 कंटेनरों को कुछ दिनों तक रोक दिया गया था।
सीमा शुल्क आयुक्त कार्यालय से 25 जनवरी को जारी सूचना में कहा गया था कि लेट निर्यात आर्डर हासिल करने से पूर्व सभी किस्मों / श्रेणियों के चावल की खेपों के निर्यात के लिए इसका सैम्पलिंग एवं टेस्टिंग होना आवश्यक है।
इसके ग्राऊंड अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि सभी चावल के नमूने लिए गए हैं उसके परीक्षण की रिपोर्ट भी कस्टम हाउस लेबोरेट्री से 48 घंटे के अंदर प्राप्त कर ली गई है।
लेकिन 26 से 28 जनवरी तक तीन दिन का अवकाश होने के कारण निर्यातक अपने चावल का प्रयोगशाला परीक्षण नहीं करवा सके। इसके फलस्वरूप लुधियाना डिपो पर कंटेनरों का अम्बार लग गया जबकि इसके परीक्षण की जरूरत नहीं थी। मिलर्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने एपीडा को इसकी सूचना दी और उसने तत्काल कस्टम अधिकारियों से सम्पर्क करके सारी स्थिति से उन्हें अवगत करवाया।