iGrain India - मापुतो । अफ्रीकी देश- मोजाम्बिक से भारत को तुवर के निर्यात की उम्मीद एक बार फिर बढ़ गई है क्योंकि नकाला मोर्टो की अदालत ने अटॉर्नी जनरल कार्यालय (पीजीआर) के उस आदेश का क्रियान्वयन रोकने का फैसला किया है जिसमें रॉयल ग्रुप और ईटीजी कम्पनी के बीच विवाद के मामले को समाप्त घोषित किया गया था और ईटीजी के पक्ष में निर्णय देते हुए भारत के लिए वहां से तुवर निर्यात के रास्ते को बंद करने की कोशिश की गई थी।
उल्लेखनीय है कि 15 जनवरी को डिप्टी अटॉर्नी जनरल द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश में कहा गया था कि इस मामले की आरंभिक जांच-पड़ताल में नकाला पोर्टो के पब्लिक प्रोसिक्यूटर कार्यालय ने जो निर्णय लिया है उसे विशिष्ट अपराध विभाग ने रद्द करने का फैसला किया है।
पीजीआर ने माना है कि इस विवाद के लिए स्थानीय पब्लिक प्रोसिक्यूटर कार्यालय ने जमानत की जो राशि निर्धारित की थी वह व्यावहारिक नहीं थी और पिछले अनेक महीनों से इस पर विवाद चला आ रहा है। इसके फलस्वरूप मोजाम्बिक के उत्तरी बंदरगाह शहर से भारत को तुवर सहित अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात का मामला अटका हुआ है।
पीजीआर के निर्णय के अलोक में ईटीजी कम्पनी ने रॉयल ग्रुप द्वारा उसके जब्त किए गए उत्पादों के स्टॉक को रिलीज करवाने हेतु नकाला पोर्टो जिला अदालत में याचिका दाखिल की मगर 31 जनवरी को जारी एक आदेश में कोर्ट ने पीजीआर के फैसले को नहीं मानने का निर्णय लिया और उस याचिका को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले को बंद करने के निर्णय के खिलाफ न्यायिक अपील करने के लिए अब भी समय है और पब्लिक प्रोसिक्यूटर कार्यालय को एक निश्चित प्रक्रियागत स्थिति के बारे में जानकारी देने की अनुमति दी जा सकती है।
रॉयल ग्रुप भारत को तुवर का निर्यात करना चाहता है मगर ईटीजी कम्पनी इसमें अड़ंगेबाजी कर रही है। रॉयल ग्रुप को उस कम्पनी के गोदामों से छह करोड़ डॉलर मूल्य के कृषि उत्पादों को जब्त करने का अधिकार मिला और उसने इसके निर्यात की प्रक्रिया भी शुरू की मगर एक अदालत ने इसके शिपमेंट पर रोक लगा दी।
फिर अटॉर्नी जनरल कार्यालय ने कम्पनी के हक में फैसला देते हुए मामले को बंद करने का आदेश दिया मगर जब यह मामला दोबारा कोर्ट में पहुंचा तब अदालत ने पीजीआर के निर्णय को अस्वीकार करते हुए रॉयल ग्रुप को पुनः अपील की अनुमति दे दी।