iGrain India - नई दिल्ली । खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जून 2023 से चीनी के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है और चालू मार्केटिंग सीजन के अंत यानी सितम्बर 2024 तक यह प्रतिबंध बरकरार रहने की संभावना है।
सरकार की प्राथमिकता घरेलू बाजार में चीनी की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता बरकरार रखने तथा आम उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने की है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने अक्टूबर में एक अधिसूचना जारी करके चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की अवधि को अनिश्चित काल तक के लिए बढ़ा दिया था क्योंकि उस समय चीनी के घरेलू उत्पादन में गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही थी।
उस अधिसूचना में कहा गया था कि कच्ची चीनी सफेद चीनी रिफाइंड चीनी तथा ऑर्गेनिक चीनी के निर्यात पर अगले आदेश तक के लिए प्रतिबंध लागू रहेगा। अप्रैल-मई में आम चुनाव होना है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 2024-25 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में भी चीनी का उत्पादन कम होने की आशंका बन रही है। वैसे चीनी के घरेलू बाजार भाव को नियंत्रित करने का सरकारी प्रयास सार्थक रहा है और 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहेगी। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से चीनी के दाम में कुछ नरमी आई है तथा आगामी महीनों के दौरान इसका भाव वर्तमान मूल्य स्तर के आसपास ही रहने की उम्मीद है।
सरकार का कहना है कि चालू मार्केटिंग सीजन के आरंभ से अब तक चीनी के एक्स मिल भाव में 3.5-4.0 प्रतिशत की गिरावट आई है और अखिल भारतीय स्तर पर इसका थोक एवं खुदरा मूल्य लगभग स्थिर हो गया है।
महाराष्ट्र में गन्ना क्रशिंग का सीजन इस बार नवम्बर में आरंभ हुआ। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में चीनी का उत्पादन घटने तथा उत्तर प्रदेश में बढ़ने का अनुमान है।