iGrain India - अम्बाला । जनवरी के अंत एवं फरवरी के आरंभ में हरियाणा के कुछ भागों में बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से रबी फसलों को नुकसान होने की खबर मिल रही है।
प्राप्त सूचना के अनुसार अम्बाला जिले के नारायणगढ़ तथा शहजादपुर प्रखंडों में इस बर्फबारी से करीब 23,485 एकड़ में गेहूं तथा लगभग 3750 एकड़ में तिलहन की फसल प्रभावित हुई है।
कृषि विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार गेहूं की फसल को 1485 एकड़ में 0 से 25 प्रतिशत तथा करीब 22 हजार एकड़ में 26 से 50 प्रतिशत तथा 3700 एकड़ में 51-75 प्रतिशत की क्षति हुई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अम्बाला जिले में तारिया की फसल अब कटाई-तैयारी के चरण में पहुंच गई है जबकि सरसों की फसल में फूल एवं दाने लग रहे हैं। गेहूं की फसल फिलहाल वानस्पतिक अवस्था में है।
अम्बाला के उप कृषि निदेशक के मुताबिक ओलावृष्टि के कारण गेहूं एवं तिलहन फसलों को हानि हुई है। विभाग द्वारा इसका सर्वे करवाया गया और फिर फील्ड स्टाफ ने इसकी रिपोर्ट तैयार की। आगामी दिनों में कुछ क्षतिग्रस्त फसलों की स्थिति में सुधार आने की उम्मीद की जा रही है। अन्य क्षेत्रों में नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।
अम्बाला जिले के इन दोनों प्रखंडों में खराब मौसम एवं ओलावृष्टि के कारण सब्जियों की फसल को भी कुछ नुकसान हुआ है। इसमें चालू एवं प्याज की फसल भी शामिल है। कहीं-कहीं गोभी, मिर्च एवं नाशपाती की फसल क्षतिग्रस्त हुई है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार हाल की बारिश से आमतौर पर रबी फसलों और खासकर गेहूं तथा सरसों को फायदा हुआ है। मौसम भी ठंडा रहा है। आगे यदि ओलावृष्टि न हो तो इन दोनों महत्वपूर्ण फसलों की उपज दर में सुधार आ सकता है। हरियाणा गेहूं एवं सरसों के महत्वपूर्ण उत्पादक राज्यों में शामिल है। वह केन्द्रीय पूल में गेहूं का भारी योगदान भी देता है।