iGrain India - परानागुआ । आयातक देशों की सीमित मांग एवं शिकागो एक्सचेंज में कमजोर रुख के कारण दक्षिण अमरीका महाद्वीप में सोयाबीन तेल का प्लांट मूल्य घटकर सितम्बर 2020 के बाद पहली बार 800 डॉलर प्रति टन के नीचे आ गया है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबोट) में भी सोया तेल का वायदा भाव काफी गिर गया है। कुछ महत्वपूर्ण आयातक देशों में इसकी मांग कमजोर देखी जा रही है।
एक अग्रणी कॉमोडिटी विश्लेषक फर्म के अनुसार 2 फरवरी को अर्जेन्टीना में अप रोलर के लिए सोयाबीन तेल का फ्री ऑन बोर्ड भाव मार्च डिलीवरी के लिए 792.12 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया। इस तरह वर्ष 2024 के आरंभ से इसमें 6.7 प्रतिशत की गिरावट आ गई। सम्मुख माह की लोडिंग के लिए यह निर्यात शिपमेंट मूल्य 11 सितम्बर 2020 के बाद पहली बार देखा गया।
अर्जेन्टीना के पड़ोसी देश- ब्राजील में भी कुछ इसी तरह का माहौल रहा जहां परानागुआ में मार्च शिपमेंट के लिए सोयाबीन तेल का फ्री ऑन बोर्ड मूल्य 2 फरवरी को घटकर 798.84 डॉलर प्रति टन रह गया जो चालू वर्ष के आरंभ में प्रचलित भाव से 8.4 प्रतिशत नीचे रहा।
उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2022 में अर्जेन्टीना तथा ब्राजील में सोयाबीन तेल का भाव तेजी से उछलकर 1900 डॉलर प्रति टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था जिसके मुकाबले इसकी कीमतों में अब 1000 डॉलर प्रति टन से अधिक की गिरावट आ चुकी है।
दरअसल दक्षिण अमरीकी देशों में सोयाबीन तेल को कोई ठोस समर्थन नहीं मिल रहा है। शिकागो एक्सचेंज में नरमी का माहौल बना हुआ है और प्रमुख आयातक देश भी सीमित मात्रा में सोया तेल की खरीद कर रहे हैं। ब्राजील में सोयाबीन की नई फसल की जोरदार कटाई-तैयारी शुरू हो गई है जबकि अर्जेन्टीना में अगले महीने से आरंभ होने वाली है।
सीबोट में 2 फरवरी तक मार्च अनुबंध के लिए सोयाबीन तेल के वायदा मूल्य में 7 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी थी। दरअसल अमरीका में जैव ईंधन निर्माण में सोयाबीन तेल की मांग कमजोर पड़ गई है क्योंकि अन्य वैकल्पिक घटकों का दाम घटकर इससे नीचे आ गया है।
सीबोट में प्रचलित मूल्य के सापेक्ष अर्जेन्टीना-ब्राजील के बंदरगाहों पर सोयाबीन तेल के दाम का प्रीमियम भी घट गया है। अर्जेन्टीना में इस बार सोयाबीन का शानदार उत्पादन होने के आसार हैं जिससे वहां सोया तेल की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है।
ब्राजील में भी उत्पादन सन्तोषजनक होने की उम्मीद है। अर्जेन्टीना में 520-530 लाख टन सोयाबीन के उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है जो गत वर्ष से करीब दोगुना है।