iGrain India - सोयाबीन का भाव एमपी में मजबूत मगर महाराष्ट्र में नरम नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किए जाने तथा सितम्बर में विदेशों से आयात घटने के कारण सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद की जा रही थी क्योंकि अभी त्यौहारी सीजन भी जारी है लेकिन इसके विपरीत 4 से 10 अक्टूबर वाले सप्ताह के दौरान इस महत्वपूर्ण तिलहन का भाव मध्य प्रदेश (एमपी) में तो कुछ मजबूत रहा मगर महाराष्ट्र में नरम पड़ गया। दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने सोयाबीन का उत्पादन पिछले सीजन के 66.68 लाख टन से उछलकर वर्तमान मार्केटिंग सीजन में 73.27 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है और वहां इसके नए माल की आपूर्ति भी बढ़ती जा रही है इसलिए कीमतों पर दबाव रहा है।मध्य प्रदेश समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान मध्य प्रदेश में सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी भाव 4600-4700 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो 2024-25 के मार्केटिंग सीजन हेतु नियत न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल से काफी कम है। समझा जाता है कि सोयाबीन के नए माल में अभी नमी का अंश ज्यादा है। जब सूखा माल अधिक आएगा तब कीमतों में सुधार आ सकता है। केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक एवं तेलंगाना में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदने की घोषणा की है। महाराष्ट्र में इस महत्वपूर्ण तिलहन का दाम तो एमपी से भी पीछे चल रहा है। राजस्थान के कोटा में 4600 रुपए प्रति क्विंटल पर सोयाबीन का कारोबार हो रहा है। सोया तेल (रिफाइंड)सोया रिफाइंड तेल की कीमतों में भी 10 से 25 रुपए प्रति 10 किलो तक की गिरावट दर्ज की गई। मंदसौर में यह 25 रुपए नीचे आया। कोटा में भाव 1280 रुपए पर स्थिर रहा जबकि मुम्बई में 40 रुपए लुढ़ककर 1280 रुपये पर आया। लेकिन इसका दाम कांडला में 5 रुपए तथा हल्दिया में 25 रुपए सुधर गया। अन्य मिलों ने भी रेट घटाकर बिकवाली की। आवक सोयाबीन की आपूर्ति बढ़ने लगी है। इसकी आवक अखिल भारतीय स्तर पर 5 अक्टूबर को 3.50 लाख बोरी, 7 अक्टूबर को 5 लाख बोरी, 8 अक्टूबर को 7.50 लाख बोरी, 9 अक्टूबर को 7 लाख बोरी तथा 10 अक्टूबर को 4.25 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 100 किलो की) दर्ज की गई। तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में नए सोयाबीन की भारी आवक होने लगी है।