iGrain India - आदिलाबाद । केन्द्र सरकार द्वारा अगले महीने से भावान्तर भुगतान योजना शुरू किए जाने की संभावना है। शुरूआती चरण में इसे पायलट आधार पर लागू किया जा सकता है।
इसके तहत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा प्रचलित बाजार भाव के बीच अंतर का भुगतान किया जाता है। तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में कपास उत्पादकों के लिए यह योजना आरंभ करने का प्लान है।
इस उद्देश्य के लिए नीति आयोग के एक सदस्य की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था जिसमें उद्योग, उत्पादन एवं राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए थे। गत सप्ताह इस समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई।
उल्लेखनीय है कि देश के तीसरे सबसे प्रमुख कपास उत्पादक राज्य-तेलगाना के अधिकांश किसान अपनी रूई का अधिकतर भाग पहले ही बेच चुके हैं।
अक्टूबर से मध्य दिसम्बर तक तेलंगाना की मंडियों में कपास की भारी आवक हुई और इसमें से सरकारी एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा भी किसानों से न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर अच्छी मात्रा में खरीद की गई।
अब केन्द्र सरकार तेलंगाना प्रशासन के सम्बन्धित अधिकारियों के साथ सलाह-मशविरा करके इस योजना को लागू करना चाहती है।
आदिलाबाद जिले का चुनाव करने का मुख्य कारण यह है कि वहां किसानों का बेहतर ऑन लाइन रिकॉर्ड (दस्तावेज या आंकड़ा) उपलब्ध है जो भावान्तर भुगतान योजना लागू करने के लिए आवश्यक होता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कपास उत्पादकों के लिए इस योजना के क्रियान्वयन में भारी कठिनाई हो सकती है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पूर्व कपास तथा सोयाबीन उत्पादकों के लिए यह योजना लागू करने का वादा किया था।