iGrain India - नई दिल्ली । स्वदेशी वनस्पति तेल-तिलहन उद्योग व्यापार क्षेत्र की शुल्क बढ़ोत्तरी की जोरदार मांग को दर किनार करते हुए सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन तेल एवं रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क में 5 प्रतिशत बिंदु की कटौती कर दी है जो आज यानी 15 जून 2023 से प्रभावी हो गया है।
मालूम हो कि पहले इन दोनों खाद्य तेलों पर 17.50 प्रतिशत का आयात शुल्क लागू था जिसे अब घटाकर 12.50 प्रतिशत नियत किया गया है। इससे आयातकों को सुविधा होगी।
ध्यान देने वाली बात है कि भारत में रिफाइंड श्रेणी के खाद्य तेलों के तहत अभी तक सिर्फ आरबीडी पामोलीन का ही आयात हो रहा था जिसे मलेशिया तथा इंडोनेशिया से मंगाया जाता है।
यद्यपि रिफाइंड सोयाबीन तेल एवं रिफाइंड सूरजमुखी तेल का आयात भी खुला हुआ है लेकिन ऊंचे सीमा शुल्क के कारण भारतीय आयातक इसे मंगाने से परहेज कर रहे थे। इसके बजाए भारतीय रिफाइनर्स केवल क्रूड सोया तेल एवं क्रूड सूरजमुखी तेल मंगा रहे थे।
भारतीय खाद्य तेल उद्योग सरकार से रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में भारी बढ़ोत्तरी की मांग करता रहा है लेकिन सरकार इसे नजर अंदाज करती रही।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल का भाव घटकर काफी नीचे आ गया है जिससे भारत में इसका आयात बढ़ता जा रहा है।
घरेलू प्रभाग में सस्ते विदेशी खाद्य तेलों की आपूर्ति एवं उपलब्धता काफी बढ़ जाने से स्वदेशी तिलहन उत्पादकों की हालत दयनीय होती जा रही है क्योंकि उन्हें अपने उत्पाद का आकर्षक या लाभप्रद मूल्य हासिल नहीं हो रहा है।
यूक्रेन एवं रूस में सूरजमुखी तेल का दाम काफी नीचे है। इसी तरह ब्राजील में सोया तेल का भाव लुढ़कता जा रहा है। इन दोनों तेलों का भारी आयात क्रूड रूप में पहले से ही हो रहा था। यदि रिफाइंड रूप में भी इसका आयात शुरू हो गया तो देश में आयातित खाद्य तेलों की बाढ़ आ जाएगी।