iGrain India - लंदन । इंटरनेशनल ग्रेन्स कौंसिल (आईजीसी) ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में खाद्यान्न का वैश्विक व्यापार घटकर 40.80 करोड़ टन पर सिमटने का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन के कारोबार 41.10 करोड़ टन से 30 टन कम है।
यह मुख्यत: गेहूं के कारोबार में गिरावट की वजह से होगा। कौंसिल ने गेहूं का वैश्विक उत्पादन घटकर 2023-24 के सीजन में 78.30 करोड़ टन रह जाने की संभावना व्यक्त की है जो 2022-23 के अनुमानित उत्पादन से 2 करोड़ टन कम है।
इसके फलस्वरूप इसका कुल वैश्विक व्यापार 60 लाख टन घटकर 19.40 करोड़ टन पर आने का अनुमान लगाया गया है।
लेकिन दूसरी ओर सोयाबीन का वैश्विक उत्पादन समीक्षाधीन अवधि के दौरान 9 प्रतिशत बढ़कर 40.30 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।
कौंसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि सोया उत्पादों की मांग में अच्छी बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं जिससे इसकी खपत बढ़कर नई ऊंचाई पर पहुंच सकती है। इसके बावजूद सोयाबीन के वैश्विक बकाया स्टॉक में इजाफा हो सकता है।
इसकी वैश्विक आयात मांग कुछ बढ़कर 17.30 करोड़ टन पर पहुंचने की उम्मीद है। अन्य तिलहनों के बारे में आईजीसी का कहना है कि एक बार फिर रेपसीड / कैनोला का वैश्विक उत्पादन सामान्य औसत स्तर से ज्यादा होने की उम्मीद है।
जबकि सूरजमुखी के उत्पादन में भी कुछ सुधार आने की संभावना है।
जहां तक चावल का सवाल है तो आईजीसी ने इसका वैश्विक उत्पादन गत वर्ष से 2 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 के सीजन में 52.10 करोड़ टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।
उसका कहना है कि विभिन्न एशियाई देशों में न केवल धान का क्षेत्रफल बढ़ने की उम्मीद है बल्कि इसकी उपज दर में भी सुधार आने के आसार हैं।
इसकी मांग एवं खपत में वृद्धि होने तथा अंतिम बकाया स्टॉक भी कुछ बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। अफ्रीकी देशों की मांग मजबूत रहेगी जिससे चावल का वैश्विक कारोबार कुछ बढ़ सकता है।