iGrain India - आदिलाबाद । दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन में हो रही देरी से दक्षिणी राज्य तेलंगाना में किसानों को खरीफ फसलों की बिजाई और खासकर धान की रोपाई की रफ्तार बढ़ाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। समूचे आदिलाबाद जिले में बिजाई की प्रक्रिया लगभग ठप्प पड़ी हुई है। मानसून के आने में हो रहे विलम्ब से खरीफ फसलों की बिजाई के समय में एक माह तक का विस्तार हो सकता है। वर्ष 2014 में वहां जुलाई में मानसून पहुंचा था और बारिश कम हुई थी जिससे सम्पूर्ण कृषि सीजन में एक माह की देर हो गई थी। पिछले साल जून तक तेलंगाना में लगभग आधी बिजाई समाप्त हो गई थी और बीज में अंकुरण भी हो गया था। लेकिन चालू वर्ष में जून के तीसरे सप्ताह तक आदिलाबाद जिले में बिजाई का अभियान आरंभ नहीं हो सका। कृषि विभाग की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि इस क्षेत्र में 70 से 80 प्रतिशत किसान खेती सम्बन्धी गतिविधियों के लिए मुख्यत: वर्षा पर ही आश्रित हैं।
कृषि विभाग के अधिकारी एवं विशेषज्ञ किसानों को सुझाव दे रहे हैं कि केवल पर्याप्त बारिश होने पर ही अपनी फसलों की बिजाई आरंभ करें और बिजाई प्रक्रिया में कोई जल्दबाजी न दिखाएं। वे पर्याप्त वर्षा का इंतजार करने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं ताकि बीजों में सही ढंग से अंकुरण सफलतापूर्वक सुनिश्चित हो सके। यदि जल्दबाजी में की गई बिजाई के तहत अंकुरण नहीं हुआ तो किसानों को दोबारा बीज खरीदना पड़ेगा जो काफी महंगा साबित होगा। जिन कुछ किसानों ने सूखे खेतों में कपास की खेती करने का जोखिम उठाया उसे अब भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। चालू वर्ष के दौरान आदिलाबाद जिले में 5.80 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें 3.50 लाख हेक्टेयर में कपास तथा 1.20 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती का लक्ष्य शामिल है। शेष क्षेत्रफल में धान, दलहन एवं मक्का की खेती की जाएगी और अन्य फसलों की बिजाई भी होगी।