iGrain India - विनीपेग । पश्चिमी कनाडा के प्रेयरीज संभाग में मौसम एवं वर्षा की हालत अनुकूल नहीं होने से कैनोला की फसल को नुकसान होने की आशंका है लेकिन इसके बावजूद वहां इस महत्वपूर्ण तिलहन के दाम में गिरावट का माहौल बना हुआ है।
पिछले 5 दिनों के अंदर इसके मूल्य में 50 डॉलर प्रति टन से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। अगस्त- सितम्बर डिलीवरी के लिए इसका भाव गिरकर 17.50 डॉलर प्रति बुशेल से भी नीचे आ गया है।
उल्लेखनीय है कि मध्य जुलाई में कैनोला की कीमत में अच्छी तेजी आई थी और उस समय खरीदारों ने काफी अच्छी मात्रा में इसकी खरीद भी की थी क्योंकि उन्हें आगामी समय में इसका भाव और भी तेज होने का डर सता रहा था।
उसके पास फिलहाल कैनोला का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है और वे इसकी खरीद में बहुत कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसके फ़लस्वरूप कैनोला की मांग एवं कीमत कमजोर पड़ गई है।
व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि जब तक नई फसल की औसत उपज दर के बारे में बाजार को कोई निश्चित सूचना नहीं मिल जाती है तब तक कैनोला का भाव सीमित उतार-चढ़ाव के साथ लगभग स्थिर बना रहेगा।
समझा जाता है कि सोयाबीन तथा अन्य तिलहनों एवं खाद्य तेलों के दाम में होने वाले परिवर्तन का प्रभाव कैनोला बाजार पर भी पड़ेगा। अमरीका में अगले महीने से सोयाबीन के नए माल की आवक शुरू होने वाली है।
हालांकि फसल की हालत ज्यादा उत्सावर्धक नहीं है लेकिन जब तक आपूर्ति का दबाव रहेगा तब तक कीमतों में भारी तेजी की संभावना क्षीण रहेगी। स्वयं कनाडा में कैनोला की नई फसल की कटाई-तैयारी अगले कुछ सप्ताह में आरंभ हो जाएगी।
कैनोला बाजार पर गेहूं एवं मक्का का भी कुछ असर पड़ता है। मालूम हो कि कनाडा दुनिया में कैनोला एवं इसके तेल का सबसे बड़ा उत्पादक तथा निर्यातक देश है। वहां फसल की हालत लगभग सामान्य या कुछ कमजोर बताई जा रही है।