iGrain India - नई दिल्ली । इंडियन वैजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इवपा) द्वारा पिछले सप्ताह आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल राउण्ड टेबल कांफ्रेंस में विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि सोयाबीन के दाम में मामूली उतार-चढ़ाव आ सकता है।
सीबोट में फिलहाल सोयाबीन का वायदा भाव 13 डॉलर प्रति बुशेल चल रहा है जो सितम्बर माह में अमरीका में नए माल की आवक शुरू होने से पूर्व सुधरकर 13.50 डॉलर प्रति बुशेल तक पहुंच सकता है लेकिन अक्टूबर में आपूर्ति का दबाव बढ़ने पर वायदा भाव गिरकर 12.50 डॉलर प्रति बुशेल के आसपास आ सकता है।
लैटिन अमरीकी देश अर्जेन्टीना में वर्तमान तिमाही (जुलाई, अगस्त, सितम्बर) के दौरान सोयाबीन तेल का औसत निर्यात ऑफर मूल्य 960-980 डॉलर प्रति टन के करीब रहने की संभावना है जबकि अक्टूबर में यह उछलकर 1200 डॉलर प्रति टन तक पहुंच जाने का अनुमान है।
इसी तरह रेपसीड तेल का रोटरडम भाव मौजूदा तिमाही में 930 डॉलर प्रति टन के आसपास रहने की उम्मीद है जबकि अगले दो-तीन माह में यह उछलकर 1200 डॉलर प्रति टन पर पहुंच सकता है।
जहां तक क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का सवाल है तो कुआलालम्पुर के बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स (बीएमडी) एक्सचेंज में चालू तिमाही (जुलाई-सितम्बर) के दौरान इसका औसत मूल्य घटकर 3600-3700 रिंगिट प्रति टन पर आने की संभावना है जबकि वर्ष की अंतिम या चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसम्बर 2023) में यह उछलकर 4000 रिंगिट प्रति टन तक पहुंच सकता है।
उपरोक्त अनुमान से स्पष्ट पता चलता है कि अक्टूबर से खाद्य तेलों के वैश्विक बाजार मूल्य में तेजी-मजबूती का दौर शुरू हो सकता है। उस समय अमरीका में सोयाबीन की जोरदार कटाई-तैयारी तथा ब्राजील-अर्जेन्टीना में बिजाई चल रही होगी।
उसकी समस्या यूक्रेन से सूरजमुखी तेल के निर्यात की रहेगी। यदि रूस के साथ उसका दोबारा करार नहीं हुआ तो काला सागर क्षेत्र के बंदरगाहों से यूक्रेनी सूरजमुखी तेल का निर्यात शिपमेंट ठप्प पड़ जाएगा और इसकी कमी को सोया तेल, पाम तेल एवं रेपसीड कैनोला तेल आदि से पूरा करना पड़ेगा जिससे इसके दाम में तेजी आ सकती है।
मलेशिया और इंडोनेशिया में अभी पाम तेल का अच्छा उत्पादन हो रहा है और बकाया अधिशेष स्टॉक भी ऊंचा है लेकिन अल नीनो का असर शुरू होने पर उत्पादन में कमी आ सकती है। अमरीका में मौसम पूरी तरह अनुकूल नहीं होने से सोयाबीन का उत्पादन उम्मीद से कुछ कम होने की संभावना है।