नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। भू-राजनीतिक उथल-पुथल और विश्व अर्थव्यवस्थाओं के सिमटने के बीच, भारत की अर्थव्यवस्था ग्लोबल इकोसिस्टम में एक उज्ज्वल स्थान पर बने रहने की उम्मीद है। शनिवार को प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने कहा कि वैश्विक विकास पथ पर देश उच्च स्तर पर पहुंच जाएगा। भारत विशेष रूप से दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय विकास को लेकर बेहतर स्तर पर होगा।
संयुक्त राष्ट्र की लेटेस्ट विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना (डब्ल्यूईएसपी) 2025 रिपोर्ट में भारत की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि विश्व अर्थव्यवस्था सिर्फ 2.8 प्रतिशत, अमेरिका की 1.9 प्रतिशत और चीन की 4.8 प्रतिशत रहेगी।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के मुख्य अर्थशास्त्री और उप महासचिव डॉ. एसपी शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "भारत की उच्च विकास पथ उच्च स्थिति सरकार द्वारा पिछले कई वर्षों के दौरान किए गए विभिन्न सुधारों पर आधारित है और भारतीय अर्थव्यवस्था की औसत वृद्धि दर 8 प्रतिशत से अधिक है, जो बहुत प्रेरणादायक और उत्साहजनक है।"
देश 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2030 तक अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 7 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद है, क्योंकि आर्थिक सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को एक शानदार विकास पथ प्रदान करते हैं।
अर्थशास्त्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजू वर्मा ने आईएएनएस को बताया कि भारत 2025 में वैश्विक जीडीपी विकास का 'टॉर्च बियरर' होगा। भारत की यह उच्च स्थिति मजबूत निजी खपत की वजह से देखी जाएगी, जो लगातार बढ़ रहा है।
वर्मा ने कहा, "यह मत भूलिए कि लगातार, तिमाही दर तिमाही, निजी खपत 6 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रही है। दो तिमाहियों पहले, यह संख्या वास्तव में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक नए उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।"
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, निजी खपत के अलावा, यह भी उत्साहजनक है कि नवंबर में आईआईपी वृद्धि संख्या शानदार रही है, जो 5.2 प्रतिशत पर आई है। यह छह महीने का उच्चतम है, जो मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ की वजह से देखी गई।
वर्मा ने कहा, "आईआईपी को बढ़ावा देने वाली बात यह है कि 23 इंडस्ट्री ग्रुप में से 18 ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में 13.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।"
उन्होंने कहा कि कम शब्दों में कहें तो कैपिटल गुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, कंस्ट्रक्शन और निजी खपत वे स्तंभ हैं, जिन पर भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान में आगे बढ़ रही है।
--आईएएनएस
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